नई दिल्ली : निर्देशक एस एस राजमौली को खुशी है कि ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?’ यह हर तरफ पूछा जाने वाला एक सवाल बन गया है। उनका मानना है कि यह दिखाता है कि ‘बाहुबली’ ने सफलतापूर्वक भाषायी सरहदों को तोड़ दिया।
राजमौली ने कहा कि वह और निर्माताओं को हर दिन इस सवाल से दो चार होना पड़ता है और इससे वे परेशान नहीं होते क्योंकि यह कहानी के रोचक दूसरे हिस्से की ओर इशारा करता है।
निर्देशक ने से कहा, ‘जब कोई मुझसे यह सवाल पूछता है तो अच्छा लगता है। कितनी बार यह सवाल मुझसे पूछा गया मैंने गिनती नहीं की। हमें गर्व महसूस होता है कि हमने इलाकाई और भाषायी सरहद तोड़ दी।’ तकनीकी खूबियों के लिए सराही गयी बाहुबली ऐसी कुछ फिल्मों में रही जिसे पूरे भारत में दर्शकों का प्यार मिला।
पूर्व में ‘विक्रमारकुडू’, ‘मगधीरा’ और ‘ईगा’ जैसी तेलगू फिल्में निर्देशित कर चुके राजमौली ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि क्षेत्र से ऊपर उठना संभव है और फिल्म ने इसे सही साबित किया।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि क्षेत्रीयता के पुट के बिना अगर हमारी कहानी में मानवीय भावनाएं हों तो हम इस सरहद को पार कर सकते हैं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आपके पास ऐसी कहानी हो तो यह आगे जाएगी। लेकिन यह एक विचार था किसी ने पहले यह नहीं किया। इसलिए मैं यह नहीं समझा सकता कि एक फिल्मकार के तौर पर यह मुझे कितना आश्वस्त करता है।’